राजनीतिक चिंतन: देश की मौजूदा राजनीतिक परिस्थिति में नीतीश कुमार की भूमिका और राहुल गांधी का भविष्य!
आलेख:- राजीव कुमार झा
बिहार में जदयू के वरिष्ठ नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भाजपा से नाता तोड़ कर बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार की जगह
राजद नेतृत्वनीत महागठबंधन
से जुड़कर इसकी सरकार का गठन किया है और इसके साथ ही
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को
2024 के लोकसभा चुनावों में भी
सत्ता के मैदान में उनको चुनौती भी दी है !
शासनकाल के अंतिम दिनों में वी.पी.सिंह के उभार से कायम हुई थीं .
राजीव गांधी सरकार के पतन के बाद देश के राजनीतिक परिवेश में आने वाले सकारात्मक बदलावों से हम सभी वाकिफ हैं और इसी संदर्भ में देश के गैर कांग्रेसी गैर भाजपा दलों के आपसी बिखराव के बारे में भी हमें गौर करना होगा और कांग्रेस के नेतृत्व में संगठित गैर भाजपा दल नीतीश कुमार के नेतृत्व में अगर भाजपा और नरेंद्र मोदी को अगर सत्ता के मैदान में ललकारते हैं तो इसे देश की राजनीति का कोई अप्रत्याशित अध्याय भी शायद नहीं माना जाएगा .
यह संभव है कि कांग्रेस इन स्थितियों में चौधरी चरण सिंह सरकार की तरह देश की राजनीति में इस तरह की संसदीय सरकार को अपना समर्थन प्रदान करे लेकिन इसके पीछे उसका उद्देश्य सत्ता की राजनीति में नयी चालों को शुरू करना ही होगा और यह पार्टी आज भी देश की एक मजबूत संगठित पार्टी है और यह केन्द्र की सत्ता में वापस लौटने के लिए अनुकूल परिस्थितियों का इंतजार कर रही है . भावी प्रधानमंत्री के रूप में नीतीश कुमार की देशसेवा से इस पार्टी के राजनीतिक चिंतन का कोई सरोकार नहीं है !