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साहित्य, संस्कृति, कला

Month: October 2022

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कहानी:- नसीमाबाजी

नसीमाबाजी लेखक-विनोद आनंद अ पने दफ्तर में बाहर से आकर बैठा ही था तभी हड़बड़ाये हुए अख्‍तर आया । उसकी आँखे सुजी हुई थी और होशो-हवाश गुम थे । वह…

कविता – विनोद आनंद की कविताएं

विनोद आनंद की कविताएं 1 रघु की पीड़ा शोषण और भूख से त्रस्त रघु झेलता है त्रासदी जिंदगी जीने के लिए करता है कठोर परिश्रम मुह चिढ़ाता है अच्छे दिनों…

कुमारेन्द्र पारसनाथ सिंह – अन्धेरे समय में उजली उम्मीदों का कवि

लेखक परिचय – नाम – उमाशंकर सिंह परमार काम- पढना , लिखना ,समाज सेवा , किसान आन्दोलन से जुडाव , जनवादी लेखक संघ उत्तर प्रदेश का राज्य उप सचिव विधा–…

समाज संस्कृति : उस अंधेरे से फिर लौट पाना आसान नहीं होगा…!

जिंदगी की पुरानी बातें अब रोजमर्रा की जिंदगी में तेजी से सिमटती जा रही हैं .इन तमाम तरह के बदलावों से युवा वर्ग के लोगों के जीवन को खास तौर…

कवि की भूमिका देश की आजादी से लेकर आज के बदलते परिवेश को नई -नई दशा और दिशा देने के साथ परंपरा, रीति ,रिवाज, संस्कृति और सभ्यता को संरक्षित और संवर्द्धित करने में महत्वपूर्ण भूमिका रही है:-रामवृक्ष बहादुरपुरी

साहित्य संवाद कवि रामवृक्ष बहादुरपुरी उत्तर प्रदेश के अंबेडकरनगर के निवासी हैं और अब तक इनके दो काव्य संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं . इनकी कविताओं में सामाजिक परिवेश के…

एक थी गुलाब बाई ….!

:लेखक:- ध्रुव गुप्त साभार:- स्त्री दर्पण, फेसबुक पेज नौ टंकी सदियों से उत्तर भारतकी सबसे लोकप्रिय लोकनाट्य -विधा रही है। यह प्राचीन भारत में खेले जाने वाले स्वांग का लोक…

साहित्य का समकाल – पूँजी , बाज़ार . और विभ्रम

लेखक परिचय नाम – उमाशंकर सिंह परमार काम- पढना , लिखना ,समाज सेवा , किसान आन्दोलन से जुडाव , जनवादी लेखक संघ उत्तर प्रदेश का राज्य उप सचिव विधा– आलोचना…