• Sat. Sep 13th, 2025
साहित्य, संस्कृति, कला

समाज संस्कृति : उस अंधेरे से फिर लौट पाना आसान नहीं होगा…!

Byadmin

Oct 6, 2022
Please share this post

जिंदगी की पुरानी बातें अब रोजमर्रा की जिंदगी में तेजी से सिमटती जा रही हैं .इन तमाम तरह के बदलावों से युवा वर्ग के लोगों के जीवन को खास तौर पर हलचल से परिपूर्ण देखा जा सकता है और मध्यम वर्ग के युवाओं में प्रेम विवाह की प्रवृत्ति का काफी समावेश होता जा रहा है.

राजीव कुमार झा

      ब बेहद बड़े शहरों में वहां काफी दिनों से रहने वाले लोगों के लिए जिंदगी निरंतर किसी पहेली की तरह से सदा साथ बनी नहीं रहती और यहां के मध्यम वर्ग के लोगों की जिंदगी में अब व्यापक बदलाव दिखाई देता है. उनके  समझने समाज में लोगों को देखने जानने यहां तमाम तरह के फेरबदल के बीच मनोवांछित रूप से खुद को गढ़ने और आगे बढ़ने की कवायद में जिंदगी की पुरानी बातें अब रोजमर्रा की जिंदगी में तेजी से सिमटती जा रही हैं .इन तमाम तरह के बदलावों से युवा वर्ग के लोगों के जीवन को खास तौर पर हलचल से परिपूर्ण देखा जा सकता है और मध्यम वर्ग के युवाओं में प्रेम विवाह की प्रवृत्ति का काफी समावेश होता जा रहा है.इसके साथ यहां युवाओं में यौन उन्मुक्तता भी खूब प्रचलित हो रही है और आपस में काफी भिन्न परिवेश और पृष्ठभूमि के युवाओं के बीच भी प्रेम और विवाह सहजता से होते दिखाई देते हैं.

उदारीकरण और वैश्वीकरण की प्रक्रियाओं से प्रेरित हमारे देश की सरकार के द्वारा पिछले कुछ दशकों के दौरान अपनाई गयी घरेलू नीतियों ने विभिन्न प्रकार के घरेलू उत्पादों की मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्रीज के अलावा शिक्षा स्वास्थ्य, मनोरंजन और संचार व्यवस्था के क्षेत्र में रोजगार और नियोजन की व्यापक प्रक्रियाओं को शुरू किया है . समाज में भौतिक विकास के साथ जिंदगी में सुखोपभोग भोग विलास की प्रवृत्तियों में भी इजाफा हुआ और
घर आंगन से बाहर युवा उम्र की लड़कियों और युवतियों की जिंदगी में यहां के पुरुष प्रधान समाज की अनैतिक कारगुज़ारियों की गंदी दखलंदाजी से देश के बड़े शहरों में गेस्ट हाउस और होटलों में समाज के सामान्य घरों की लड़कियों महिलाओं के यौन कारोबार में संलग्न होने की समस्या उभरती दिखाई दे रही है .

समाज में यौन पवित्रता हमारी संस्कृति की प्रमुख विशेषता है और महिलाओं के जीवन में उजागर होने वाला
इससे जुड़ा भटकाव समाज को स्वस्थ संस्कारों से निरंतर दूर करता अंधेरे की ओर सबके जीवन को अग्रसर करेगा करेगा और यहां से लौट पाना आसान नहीं होगा .

हमारे देश में अनैतिक यौन कार्य व्यापारों में निरंतर इजाफा हो रहा है और शहर के साधारण होटलों से लेकर पांच सितारा होटलों तक सेक्स से जुड़ी गंदी गतिविधियों का तेजी से विस्तार हुआ है . यहां पश्चिमी उपभोक्तावादी जीवन मूल्यों के अतिक्रमण ने परंपरागत भारतीय समाज के स्वस्थ जीवन मूल्यों पर तेजी से हमला किया है और महानगरों के अलावा देश के अन्य छोटे – बड़े नगरों में रहने वाले और सामाजिक जीवन में कमजोर जड़ों वाले परिवारों में जाब के नाम पर यौन कार्य को
अर्थ उपार्जन का साधन बनाने वाले लोगों का एक तबका यहां उभरकर सामने आ रहा है और फेसबुक के माध्यम से इनका जाल काफी दूर तक फैला दिखाई
देता है. इनके चंगुल से रुपये पैसे के लालच से सामान्य और गरीब परिवारों की लड़कियों के अलावा दैहिक सुख की कामना से हाई प्रोफाइल परिवारों की लड़कियां भी इस धंधे की ओर आकृष्ट हो रही हैं .भारत में यौन पवित्रता को समाज में कायम रखने के लिए संविधान में भी प्रावधान किये गये हैं और यहां अनैतिक यौनाचरण दंडनीय
अपराध है.इन सबके बावजूद चकलाघरों से बाहर काल गर्ल और मसाज सेंटर के नाम पर यहां सेक्स के गंदे धंधे बेरोकटोक अपना पांव पसारते जा रहे हैं .

देश में बलात्कार और अन्य प्रकार के अपराधों के मद्देनजर
यौन कार्य व्यापारों से जुड़ी गतिविधियों पर निगरानी और निषेध जरूरी है .हमारे समाज में युवाओं का जीवन बदलावों को खासतौर पर प्रतिबिंबित करता है लेकिन इनकी दिशा सकारात्मक होनी चाहिए और समाज में परंपरागत रूप से स्वस्थ जीवन मूल्यों के ह्रास की जगह इनके प्रति सम्मान का भाव होना चाहिए .

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *