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सर्यदेव सिंह : कोयला मज़दूरों के हक के लिए किया जीवन भर संघर्ष, आज करते हैं लोगों के दिलों पर राज

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Jun 15, 2024
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पुण्य तिथि पर विशेष : मज़दूरों के मसीहा क़ो नमन !

1970 के दशक में झरिया के विधायक रहते हुए सूर्यदेव सिंह ने झरिया के कोयला मजदूरों की सेवा के लिए जनता मजदूर संघ का गठन किया। इसके माध्यम से वे मजदूरों की समस्याओं को लेकर हमेशा लड़ते रहे। उन्हें उनका हक दिलाया। जनता मजदूर संघ के प्रति आज भी हजारों मजदूरों की आस्था है

(विनोद आनंद )
ज मज़दूरों के मसीहा कहे जाने वाले झरिया के पूर्व विधायक सूर्यदेव सिंह की पुण्य तिथि है।कोयलांचल के मज़दूर और लोग आज जुट कर उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं और उनको अश्रुपूरित नज़रों से याद करते हैं।

आज के दिन हीं 15 जून 1991 को कार से सफर के दौरान अचानक हार्ट अटैक के कारण उनका निधन हो गया।उनके निधन का खबर फैलते ही शोक की लहर फैल छा गयी.आज भी लोग उनके कार्यों और मज़दूरों के हक की लड़ाई को याद कर उनके प्रति श्रद्धा से संवेदना प्रकट करते हैं।

कोयलांचल में आगमन

सूर्यदेव सिंह का वर्ष 1939 में उत्तर प्रदेश के बलिया जिला अंतर्गत गोन्हिया छपरा गांव में एक किसान घर में जन्म हुआ। उनकी प्रारंभिक शिक्षा गांव में ही हुई। 1961 में युवा और मज़बूत कद काठी का युवक सूर्यदेव काम की तलाश में झरिया आए। और एक पहलवान के रूप में अपनी पहचान बनाई।

वे मजदूर संगठन से जुड़ कर झरिया के कोयला मजदूरों की सेवा में जुट गए।कुछ वर्षों में ही मजदूर नेता के रूप में अपनी कार्यकुशलता से सबका दिल जीत लिया। मजदूरों और यहां के लोगों के दिलों में ऐसी पहचान बनाई कि जीवन के अंतिम समय तक वे झरिया के विधायक बने रहे।

वर्ष 1977 से 1991 तक लगातार बने रहे झरिया के विधायक

झरिया कोयलांचल में विधायक जी के नाम से प्रसिद्ध सूर्यदेव सिंह का नाम आज भी बड़े आदर के साथ लिया जाता है। वर्ष 1977 से 1991 तक वे 14 वर्षों तक लगातार झरिया के विधायक के रूप में यहां के लोगों की सेवा की।

पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के थे काफी करीबी:

1970 के दशक में झरिया के विधायक रहते हुए सूर्यदेव सिंह ने झरिया के कोयला मजदूरों की सेवा के लिए जनता मजदूर संघ का गठन किया। इसके माध्यम से वे मजदूरों की समस्याओं को लेकर हमेशा लड़ते रहे। उन्हें उनका हक दिलाया। जनता मजदूर संघ के प्रति आज भी हजारों मजदूरों की आस्था है

झरिया के विधायक सूर्यदेव सिंह जेपी आंदोलन के समय समाजवादी नेता लोकनायक जयप्रकाश और युवा तुर्क के नाम से प्रसिद्ध चंद्रशेखर के करीब आए। वर्ष 1977 में पहली बार जनता पार्टी की टिकट से झरिया के विधायक बने। चंद्रशेखर जब प्रधानमंत्री बने तो सूर्यदेव के आग्रह पर कई बार झरिया व धनबाद आए। पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर सूर्यदेव सिंह को बहुत मानते थे।

इस परिवार को झरिया विंधानसभा के लोग आज भी रखा है सर आंखों पर

सिंह परिवार का जो रुतवा और पहचान धनबाद में है वह सर्यदेव सिंह के बदौलत है. उन्होंने अपने काम सेवा भाव और मज़दूरों तथा झरिया वासियों की सेवा से लोगों के दिलों में ऐसी जगह बनायी की आज भी इनके विरासत क़ो इनके परिवार के लोग संभाल रहे हैं. इनके परिवार से सूर्यदेव सिंह के बाद उनके अनुज बच्चा सिंह, पत्नी कुंती देवी व पुत्र संजीव भी झरिया के विधायक बने.

उनके अनुज बच्चा सिंह झरिया के विधायक और झारखंड के मंत्री भी बने.अभी भी उनके परिवार की बहू पूर्णिमा नीरज सिंह झरिया की विधायक है.

उन्होंने बनायीं जनता मजदूर संघ, कोयला मजदूरों की लड़ी लड़ाई

1970 के दशक में झरिया के विधायक रहते हुए सूर्यदेव सिंह ने झरिया के कोयला मजदूरों की सेवा के लिए जनता मजदूर संघ का गठन किया। इसके माध्यम से वे मजदूरों की समस्याओं को लेकर हमेशा लड़ते रहे। उन्हें उनका हक दिलाया। जनता मजदूर संघ के प्रति आज भी हजारों मजदूरों की आस्था है। अभी कुंती देवी जमसं की महामंत्री हैं। जमसं के दूसरे गुट की कमान उनके अनुज पूर्व मंत्री बच्चा सिंह के हाथ में है।

झरिया में सभी के बीच स्थापित किया एकता और सौहार्द

झरिया और इसके आसपास क्षेत्रों में जब भी आपसी सौहार्द बिगड़ा तो सूर्यदेव सिंह आगे आकर हिंदू, मुस्लिम, सिख ईसाई सभी लोगों को एकजुट कर सांप्रदायिक सौहार्द को कायम किया। 1984 में सिखों पर जब अत्याचार हुआ तो उन्होंने सड़क पर आ कर उनकी रक्षा की। सिंदरी में जब बाहरी-भीतरी को लेकर बवाल हुआ तो वहां पहुंचकर उसे शांत किया। झरिया में जब हिंद- मुस्लिम एकता पर आंच आई तो वे सभी धर्म के लोगों को एकजुट कर एकता की मिसाल पेश की।1970 के दशक में झरिया के विधायक रहते हुए सूर्यदेव सिंह ने झरिया के कोयला मजदूरों की सेवा के लिए जनता मजदूर संघ का गठन किया। इसके माध्यम से वे मजदूरों की समस्याओं को लेकर हमेशा लड़ते रहे। उन्हें उनका हक दिलाया। जनता मजदूर संघ के प्रति आज भी हजारों मजदूरों की आस्था है

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