अवकाश प्राप्त नीला लाल नहीं रही, उनकी कसक भरी यादें हमेशा रहेगी जिन्दा
जिंदगी एक सफर है,और यह दुनिया एक मुसाफिर खाना, जिसमे लोगों का आना जाना लगा रहता है, यही शास्वत सत्य है! फिर भी कुछ लोगों का चला जाना काफी दुखदायी…
साहित्य और साहित्यकारों के बदहाली का सच है द्वारिका भारती जैसे लोग,जो रोटी के लिए करते हैं मोची का काम,लेकिन इनके पुस्तको पर हो रही यूनिवर्सिटी में रिसर्च
साहित्य को समाज का दर्पण कहते हैं, साहित्य हीं समाज,व्यक्ति और व्यवस्था को परिभाषित करने का काम भी करता है।आज रामायण, गीता महाभारत ये धर्म कथाएं हमारे जीवन को किसी…
कोमल अल्फ़ाज़ के सहारे चांदनी पांडे शायरी की दुनिया में बनाई अलग पहचान
परिचय:-डॉ अफरोज आलम उर्दू के प्रख्यात विद्वान,गल्फ उर्दू कॉउंसिल के अध्यक्ष हैं।ये मूल रूप से बिहार के गोपाल गंज के रहने वाले हैं लेकिन वर्तमान में जदाह सऊदी अरब में…
डॉ. मोहन बैरागी वियतनाम में होंगे सम्मानित
20वें अंतरराष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन में कियें जायेंगे अंलकृत उज्जैन। लेखक,कवि, संपादक व साहित्यकार डॉ. मोहन बैरागी वियतनाम में सम्मानित होंगे। 20वें अंतरराष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन में डॉ. मोहन बैरागी को नये…
समाज संस्कृति : उस अंधेरे से फिर लौट पाना आसान नहीं होगा…!
जिंदगी की पुरानी बातें अब रोजमर्रा की जिंदगी में तेजी से सिमटती जा रही हैं .इन तमाम तरह के बदलावों से युवा वर्ग के लोगों के जीवन को खास तौर…
एक थी गुलाब बाई ….!
:लेखक:- ध्रुव गुप्त साभार:- स्त्री दर्पण, फेसबुक पेज नौ टंकी सदियों से उत्तर भारतकी सबसे लोकप्रिय लोकनाट्य -विधा रही है। यह प्राचीन भारत में खेले जाने वाले स्वांग का लोक…
“अंतर्राष्ट्रीय महिला काव्य मंच, अहमदाबाद (पश्चिम इकाई)” द्वारा नवरात्रि उत्सव के मौके पर मासिक काव्य गोष्ठी का आयोजन
“शक्तिदायिनी, शक्ति दो माँ l भक्तिदायिनी, भक्ति दो माँ l दुखियों के दुःख, हर लो माँ l सुःख से झोली भर दो माँ l” आज की गोष्ठी में, माँ वीणापाणि…
राजनीतिक चिंतन: देश की मौजूदा राजनीतिक परिस्थिति में नीतीश कुमार की भूमिका और राहुल गांधी का भविष्य!
राजनीतिक चिंतन: देश की मौजूदा राजनीतिक परिस्थिति में नीतीश कुमार की भूमिका और राहुल गांधी का भविष्य! आलेख:- राजीव कुमार झा बिहार में जदयू के वरिष्ठ नेता और बिहार के…
90 साल की सहचरी 74 साल से हमसफर” —-
“क्या आप सरस्वती मिश्र को जानते है….?” जीवन शतक को अगले वर्ष पूरा करनेवाले रामदरश मिश्र को कौन नहीं जानता। वह सात दशकों से साहित्य की दुनिया में सक्रिय है।…
जन्मदिन 5 जुलाई पर विशेष लेख : अब्दुल बिस्मिल्लाह : साहित्य में जीवन के संघर्ष के चितेरे !
राजीव कुमार झा अब्दुल बिस्मिल्लाह का नाम हिन्दी के वर्तमान लेखकों में महत्वपूर्ण है. उनका प्रारंभिक जीवन संघर्ष में व्यतीत हुआ और एक बेहद पिछड़े मुस्लिम परिवार में जन्म लेने…