ऐ लड़की…..!
प्रस्तुति: अरविंद कुमार साभार-स्त्री दर्पण आज कृष्णा सोबती का जन्म दिन है।आपके लिए उनकी बहुचर्चित कृति “ऐ लड़की” की भूमिका पेश की जा रही है।1992 में वर्तमान साहित्य के कहांनी…
कोमल अल्फ़ाज़ के सहारे चांदनी पांडे शायरी की दुनिया में बनाई अलग पहचान
परिचय:-डॉ अफरोज आलम उर्दू के प्रख्यात विद्वान,गल्फ उर्दू कॉउंसिल के अध्यक्ष हैं।ये मूल रूप से बिहार के गोपाल गंज के रहने वाले हैं लेकिन वर्तमान में जदाह सऊदी अरब में…
पुस्तक समीक्षा:-यथार्थ और रोमांस के धरातल पर आत्मिक अनुभूतियों को समेटती कविताएं
पुस्तक समीक्षा टूटे पंखों वाला समय ( कविता संग्रह ) रेनर मारिया रिल्के प्रकाशक : इंडिया नेटबुक्स प्राइवेट लिमिटेड C 122, सेक्टर 19, नोएडा 201301 गौतम बुद्धनगर (एनसीआर, दिल्ली) मूल्य:…
वर्तमान जीवन के यथार्थ को कैनवास पर चित्रित करती कहानियां
साहित्य संसार: पुस्तक समीक्षा बोलती कहानियां ( कथा संग्रह ) लेखिका: सुरंजना पांडेय TANEESHA PUBLISHERS GAYATRI VIHAR, PHASE- 1, JAWAHAR NAGAR, PIN 263149, UTTRAKHAND CONTACT: +918454812712, +919760418103 समीक्षक:- राजीव कुमार…
ब्रिट्रेन की चर्चित युवा कवि हॉली मैक्निश की कविताएं embarrased जो कविता यूट्यूब पर हुई।काफी लोकप्रिय
39 वर्षीय इस कवि के चार कविता संग्रह निकल चुके हैं।उनके यूट्यूब के 40 लाख लोग फ़ॉलोवेर्स हैं।वह बेबी मिल्क एक्शन आंदोलन की नेत्री है जिसका काम विश्व में स्तनपानको…
कविता के कैनवास पर जीवन के सहज और सार्थक रंगों की रंगबिरंगी छटा और देश , समाज का चित्रण !
साहित्य संसार:पुस्तक समीक्षा काव्यांचल ( काव्य संग्रह ) Email ID: humroohpublishinghouse@gmail.com Whatsapp no +916207124550 कवयित्री: स्वर्णलता टंडन “सोन नयी दिल्ली समीक्षक:- राजीव कुमार झा +916206756085 सु परिचित कवयित्री स्वर्णलता टंडन…
डॉ. मोहन बैरागी वियतनाम में होंगे सम्मानित
20वें अंतरराष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन में कियें जायेंगे अंलकृत उज्जैन। लेखक,कवि, संपादक व साहित्यकार डॉ. मोहन बैरागी वियतनाम में सम्मानित होंगे। 20वें अंतरराष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन में डॉ. मोहन बैरागी को नये…
समाज और जनजीवन के प्रेम का सहज भाव के कवि:दीप चन्द्र गुप्ता
साहित्य संवाद सोशल मीडिया पर दीप चन्द्र गुप्ता का नाम कवि के रूप में लोकप्रिय है और इनकी कविताओं में समाज और जनजीवन से प्रेम का सहज भाव समाया है…
कहानी:- नसीमाबाजी
नसीमाबाजी लेखक-विनोद आनंद अ पने दफ्तर में बाहर से आकर बैठा ही था तभी हड़बड़ाये हुए अख्तर आया । उसकी आँखे सुजी हुई थी और होशो-हवाश गुम थे । वह…
कविता – विनोद आनंद की कविताएं
विनोद आनंद की कविताएं 1 रघु की पीड़ा शोषण और भूख से त्रस्त रघु झेलता है त्रासदी जिंदगी जीने के लिए करता है कठोर परिश्रम मुह चिढ़ाता है अच्छे दिनों…